Property Registration New Rule: बिहार में भूमि रजिस्ट्री के नए नियम लागू होने के बाद आम नागरिकों को रजिस्ट्री प्रक्रिया में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इन बदलावों के कारण न केवल लोगों को असुविधा हो रही है, बल्कि राज्य सरकार के राजस्व में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है।
पहले जहां हर रजिस्ट्री कार्यालय में प्रतिदिन औसतन 100 रजिस्ट्रियां होती थीं, अब यह संख्या घटकर सिर्फ 5-10 तक सीमित रह गई है। इसका सीधा असर सरकार के राजस्व पर पड़ा है।
सरकार की जागरूकता पहल:
राजस्व विभाग ने लोगों को नए नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए कई प्रयास किए हैं। कर्मचारियों को गांव-गांव जाकर जमाबंदी ऑनलाइन दर्ज करने और दावेदारों के नाम पर जमाबंदी रजिस्टर स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया था। हालांकि, इन प्रयासों के बावजूद भूमि रजिस्ट्री की संख्या में सुधार नहीं हो पाया है।
नियमों में बदलाव की संभावना:
नए नियमों के कारण मद्य निषेध एवं निबंधन विभाग को राजस्व में भारी नुकसान हो रहा है। इस स्थिति को देखते हुए कई बार यह अटकलें लगाई गई हैं कि सरकार भूमि रजिस्ट्री के नियमों में बदलाव कर सकती है। हालांकि, अब तक सरकार की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
चुनाव के बाद बदलाव की उम्मीद:
विशेषज्ञों का मानना है कि लोकसभा चुनाव के बाद इन नियमों में छूट या बदलाव को लेकर सरकार कोई बड़ा फैसला ले सकती है। इससे आम नागरिकों को राहत मिलने और राजस्व में सुधार की संभावना है।
सरकार के इन प्रयासों के बीच यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले समय में नियमों में कितना और कैसा बदलाव किया जाता है।