Success Story: बीड जिले के कई किसानों ने खेती के साथ-साथ डेयरी व्यवसाय अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत की है। उनमें से एक हैं 50 वर्षीय गुलाब राठौड़, जिन्होंने चार साल पहले डेयरी व्यवसाय शुरू किया और इसे अपनी आय का मुख्य स्रोत बनाया।
सफलता का सफर एक भैंस से शुरू हुआ
गुलाब राठौड़ ने अपने परिवार के लिए शुरुआत में घरेलू उपयोग के लिए एक भैंस खरीदी। लेकिन जब भैंस का दूध बढ़ने लगा तो उन्होंने उसे बेचने का फैसला किया। धीरे-धीरे दूध की बिक्री बढ़ गई और इससे हुई कमाई से उन्होंने दो और भैंसें खरीद लीं।
सालाना 4 लाख रुपये का मुनाफा
आज गुलाब राठौड़ के पास तीन भैंसें हैं और वे थोक में 60 रुपये प्रति लीटर दूध बेचते हैं। इस बिजनेस से उन्हें सालाना करीब 4 लाख रुपये का मुनाफा हो रहा है. रोज़ का कहना है कि डेयरी व्यवसाय कृषि से अधिक लाभदायक है।
कम लागत पर अधिक लाभ
गुलाब राठौड़ बताते हैं कि डेयरी व्यवसाय में शुरुआत में भैंस खरीदते समय निवेश की आवश्यकता होती है, लेकिन चारा सस्ता होने के कारण इसे चलाने की लागत कम होती है। यह बिजनेस कम लागत में अच्छा मुनाफा देता है
डेयरी व्यवसाय बना किसानों के लिए प्रेरणा!
डेयरी व्यवसाय ने न केवल गुलाब राठौड़ बल्कि अन्य किसानों को भी आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है। खासकर खेती के साथ मिलकर यह आय का बेहतर जरिया बन सकता है। गुलाब राठौड़ जैसे किसानों की सफलता यह साबित करती है कि कड़ी मेहनत और सही दिशा में प्रयास किसी भी व्यवसाय को लाभदायक बना सकता है। उनकी कहानी अन्य किसानों के लिए प्रेरणा है और डेयरी व्यवसाय की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाती है